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दलित युवक के घोड़ सवारी करने पर उच्चा कास्ट के लोगो ने की हत्या पहले से मिल रही रही धमकी

गुजरात के भावनगर जिले में घोड़ी रखने और उस पर सवारी करने के चलते एक दलित युवक की गुरुवार को हत्या कर दी गई। उमराला थाने के टींबी गांव के प्रदीप राठौड़ (24) ने एक घोड़ी रखी थी। गांव के ही कुछ ऊंची जाति के युवकों ने इस पर एेतराज जताया था। उसे घोड़ी रखने और इस पर सवारी का पहले से ही शौक था। गुरुवार शाम जब वह घोड़ी लेकर लौट रहा था, तभी गांव से करीब दो-तीन किमी दूर एक सुनसान खेत में चेकडैम के पास उसकी धारदार हथियार से हत्या कर दी गई। घोड़ी भी मरी पाई गई। मृतक के परिजनों ने शव लेने से किया इंकार…

घटना के बाद से टिंबी गांव में तनाव है। पुलिस के मुताबिक मामले में टिंबी और निकटवर्ती केविया गांव के दो लोगों के खिलाफ हत्या तथा अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। मृतक के परिजनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी होने तक शव को लेने से इनकार कर दिया था, लेकिन समझाइश के बाद शुक्रवार शाम को उसका शव लेकर अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस ने कहा कि पास के गांव से तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है और आगे की जांच के लिए भावनगर क्राइम ब्रांच से मदद मांगी गई है।

10वीं पास करने के बाद खेती में पिता की मदद करता था

टिंबी गांव की की करीब तीन हजार की आबादी में दलितों की संख्या 10 फीसदी है। गांव वालों के अनुसार प्रदीप गांव में शांत छवि वाला था। वह किसी से दुश्मनी नहीं रखता था। पिछले साल ही उसने 10वीं कक्षा पास की थी और खेतीबाड़ी में अपने पिता की मदद करता था।

दो महीने पहले खरीदी थी घोड़ी प्रदीप राठौर (24) ने दो माह पहले एक घोड़ी खरीदी थी। तब से गांववाले उसे धमका रहे थे। प्रदीप के पिता कालुभाई राठौर ने कहा, ‘प्रदीप धमकी मिलने के बाद घोड़े को बेचना चाहता था, लेकिन उन्होंने उसे ऐसा न करने के लिए समझाया। वह गुरुवार को खेत यह कहकर गया था कि वह वापस आकर साथ में खाना खाएगा। जब वह देर तक नहीं आया, हमें चिंता हुई और उसे खोजने लगे। हमने उसे खेत की ओर जाने वाली सड़क के पास मृत पाया। कुछ ही दूरी पर घोड़ी भी मरी हुई पाई गई।

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